हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के नगरोटा सूरियां के एक निजी संस्था के स्कूल के नए भवन निर्माण पर एक ठेकेदार ने सरकारी सीमेंट के प्रयोग किया है. धर्मशाला का सतर्कता विभाग जांच में जुट गया है।
ब्लॉक समिति नगरोटा सूरियां के पूर्व उपाध्यक्ष और स्कूल की कमेटी के दो साल तक अध्यक्ष रह चुके बलबीर पठानिया ने बताया कि सुगनाड़ा गांव में डीएवी स्कूल में एक पांच कमरों का निर्माण किया जा रहा है. इस भवन के निर्माण में सरकारी सीमेंट लगाया जा रहा था. भवन का निर्माण के लिए स्कूल ने भाजपा नेता और ठेकेदार को टेंडर अवार्ड किया गया है. मौके से विजिलेंस टीम को 174 बोरी भरी हुई मिली है, जबकि कुछ बैग खाली मिले हैं।
बलबीर पठानिया ने स्कूल प्रधानाचार्य पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूल की प्रधानाचार्य की मिलीभगत से ठेकेदार भवन निर्माण में भी अनियमितताएं बरत रहा है. बलबीर पठानिया ने कहा कि निजी संस्था के स्कूल भवन में जहां सरकारी सीमेंट का प्रयोग कर सरकार को चूना लगाया जा रहा है. वहीं, भवन निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग कर भविष्य में बच्चों के जान को भी खतरे में डाला जा रहा है. भवन की नींव भवन बनने से पहले ही धंस गई है और ऐसे लग रहा कि इसमें सीमेंट अनुपात के विपरीत कम मात्रा में लगाया गया है।ठेकेदार अशोक गुलेरिया ने डीएवी स्कूल के नाम पर 1300 बोरी सरकारी सीमेंट का इंडेंट बनवा कर सिविल सप्लाई से 600 बोरी सीमेंट प्राप्त कर ली. जब ठेकेदार बाकी 700 बोरी सिविल सप्लाई में दोबारा लेने गया तो कहा कि निजी संस्था को सरकारी सीमेंट नहीं दे सकते. अब हैरानी की बात है ठेकेदार ने निजी संस्था के नाम इंडेंट बनवा कर धोखे से सिविल सप्लाई से 600 बोरी सीमेंट कैसे हासिल कर ली।
सिविल सप्लाई के इंस्पेक्टर मोहिंदर का कहना है कि ठेकेदार अशोक सरकारी ठेकेदार है और पहले भी सरकारी कार्यों के लिए सीमेंट लेकर जाता था और वह इसी का फायदा उठाकर धोखे से सीमेंट ले गया है. उन्होंने कहा कि निजी संस्था को सरकारी सीमेंट सप्लाई नहीं हो सकती है. वहीं, ठेकेदार अशोक गुलेरिया ने मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. ठेकेदार अशोक गुलेरिया जिला भाजपा कार्यकारिणी सदस्य है और स्थानीय विधायक का भी खास होने के कारण अन्य भवन निर्माण कार्य भी सन्देह के घेरे में आ रहे हैं.