Times Of Himachal ब्यूरो :
एक मशहूर दार्शनिक , राजनीतिज्ञ तथा साम्यवादी विचार के जनक कार्ल मार्क्स ने कहा था कि "दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ क्योंकि तुम्हारे पास खोने को कुछ नही है लेकीन पाने के लिए सामने पूरी दुनिया है" । यही पंक्तिया फतेहपुर भाजपा के कैरेक्टर पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं कि "फतेहपुर के भाजपाइयों एक हो जाओ तुम्हारे पास खोने को कुछ नही है लेकीन पाने के लिए पूरा फतेहपुर है"। ये पंक्तिया अगर फतेहपुर भाजपा नेता मान लें तो फतेहपुर को जीतना और भाजपा का सूखा खत्म करना कोई बड़ी बात नही है क्योंकि फतेहपुर भाजपा की कलह जगजाहिर है और यदि ये कलह खत्म हो जाए तो जीत पक्की भी हो सकती है।
भवानी सिंह पठानिया के पिछले वोट परसेंटेज की बात करें तो कोई ज्यादा अंतर भी नही है और यदि भाजपा रूपी रथ को अच्छा सारथी मिल जाए तो रण विजय करना ज्यादा दूर नही है। लेकिन समस्या ये है कि इन्हें इकठ्ठा क़ौन करेगा और क्यों करेगा? बात करें पिछले एक साल की तो उपचुनावों के बाद जीत कर आये भवानी पठानिया अभी तक जनता को संतुष्ट नही कर पाए हैं स्वाभिक है कि भाजपा के पास वो टीम नही है जो भवानी सिंह पठानिया के प्रचार और प्रसार का तोड़ निकाल सके।
यूँ तो खबरें ये हैं कि इस बार राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने फतेहपुर के नेताओं को इक्क्ठा करने का जिम्मा उठाया है और लगातार संघ काम कर भी रहा है लेकिन बाबजूद इसके खबर ये भी है कि लीडरों को छोड़ संघ कैडर को एक करने का काम कर रहा है और सफल भी हो रहा है। वर्तमान समय में फतेहपुर के चार बड़े नेता इस समय जोरों शोरो से अपने लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं जिसमें पूर्व प्रत्याशी बलदेव ठाकुर, पूर्व प्रत्याशी कृपाल परमार , पिछला जिला परिषद का चुनाव हारे जगदेव तथा पंकज हैप्पी शामिल हैं। चौराहे पर बैठे राजनीति की समझ रखने वाले भाजपाई ताऊ ने भाजपा नेताओं के चाल चलन पर बौखलाहट में ये तक कह दिया कि " ओ इना BJP दे नेतेयां फ़तेहपुरे दी सीट कांग्रेस दे नाम करी दितियो, पहले बापू जितदा हा सुत्या सुत्या कने हुन पुत्रे की जतादे न"
खैर कुलमिलाकर देखना यह है कि संघ इन भाजपाइयों को इकठ्ठा कर पाता है या नही लेकिन ज्ञात रहे कि यदि भाजपा के दो नेता भी ढंग से इक्कठे होकर चल पड़े तो कांग्रेसी विधायक भवानी पठानिया की नाव पलटे खा सकती है।