हिमाचल में बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। इस बार मानसून में कई लोगों को आशियाने भी उजड़ गए। इन्ही में से एक है कांगड़ा जिला के जवाली उपमंडल में रहने वाली बुजुर्ग ज्ञानो देवी । इस महिला का पहले घर गिरा फिर ये बरामदे में रहने लगी इस बार की बरसात में वह बरामदा भी गिर गया । जवाली के ग्राम पंचायत फारियां Ward-4 में अस्सी वर्षीय ज्ञानो देवी पत्नी फकीर चंद व उलका बेटा प्यारे लाल 61 वर्षीय एक जर्जर कच्चे मकान में रह रहे हैं। ये दोनों मां-बेटा खतरे के साए में जीवन काटने को मजबूर हैं। गरीब परिवार से संबंधित मां बेटा आईआरडीपी में दर्ज हैं। इनका मकान कच्चा है और गिरने की कगार पर है। बारिश से इनके मकान का बरामदा भी गिर गया था।
इस संबंध में ज्ञानों देवी ने रोते हुए बताया- इस मकान में मैं और मेरा बेटा प्यारे लाल रह रहे हैं। यानी कि इस मकान के दो हिस्सेदार हैं। सरकार यूं तो गरीबों के आशियाने बनाने के दावे करती रहती है, मगर मेरे हिस्से वाले मकान का कमरा गिर गया है । मैं तब से बरामदे में ही रोटी बनाती थी और उसी में सोती थी। मगर अब बरामदा भी गिर गया है। उसने बताया कि वर्ष 2015 में पंचायत प्रधान ने मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत उसके मकान के लिए प्रस्ताव डाला था, मगर आज तक मकान नहीं बन पाया है।
मकान का शेष हिस्सा भी बिलकुल जर्जर हो चुका है और कभी भी गिर सकता है। इस संबंध में ग्राम पंचायत फारियां के उपप्रधान रमन कुमार ने सीएम जयराम ठाकुर , डीसी कांगड़ा निपुण जिंदल, एसडीएम जवाली महेंद्र प्रताप सिंह से मांग की है कि इस गरीब वृद्धा को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री आवास योजना तहत सहायता प्रदान की जाए। वहीं इस संबंध में पंचायत प्रधान जीवन लाल ने बताया कि ज्ञानो देवी व प्यारे लाल अति निर्धन परिवार से संबंध रखते हैं। अतः इनकी मदद करना बहुत जी जरूरी है। इनके नाम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री आवास योजना व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्राम पंचायत में डाल दिया गया है। जब अप्रूवल मिलेगी तो जल्द ही मकान डाल दिया जाएगा।