हिमाचल प्रदेश की नदियों के सीने को किस कदर छलनी किया जा रहा है इसका एक बड़ा उदाहरण ईडी की जांच में सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पुलिस थाना सदर ऊना में वर्ष 2021 में दर्ज अवैध खनन के एक मामले को आधार मानते हुए मनी लॉर्डिंग को लेकर जांच शुरू की है। इस सिलसिले में पिछले करीब पांच दिनों से ईडी की टीम ऊना जिले में डेरा जमाए हुए हैं और मौके पर तथ्य जुटा रही है। टीम लगातार तथ्यों को वेरिफाई करने के साथ अलग-अलग जगहों पर दबिश दे रही है और संबंधित लोगों से पूछताछ कर रही है। ईडी की प्रारंभिक जांच में यह पूरा मामला ऊना जिले में स्वां नदी से 35 करोड़ रुपये के अवैध खनन से जुड़ा हुआ पाया गया है। ईडी ने आधिकारिक जानकारी जारी करते हुए बताया कि टीम ने अवैध खनन के सिलसिले मैसर्ज लखविंद्र सिंह स्टोन क्रशर्स, मानव खन्ना, नीरज प्रभाकर, विशाल उर्फ विक्की और अन्य के घरों और परिसरों की ऊना, मोहाली, पंचकूला में तलाशी ली है।
तलाशी के दौरान ईडी टीम को कई दस्तावेज और नकदी भी बरामद हुई है। ईडी की जांच सामने आया है कि ऊना जिले में स्वां नदी किनारे बेहताशा अवैध खनन किया गया है। यह अवैध खनन स्वां नदी के किनारे समेत खदानों में किया गया है। जांच में पाया गया कि है कि खननकारियों ने लीज से अधिक क्षेत्र और निर्धारित गहराई से अधिक खनन किया है। अवैध रूप से अधिक खनन की गई रेत, बजरी और पत्थर और बोल्डर को धड्डले से राज्य सरकार को बिना किसी कर का भुगतान कर गुप्त तरीके से ठिकाने लगाया गया। इसके अलावा बड़े पैमाने पर पर्यावरण मानकों का पालन न करने से पर्यावरण पहुंचाया गया।
ईडी विभिन्न विभागों के साथ एक संयुक्त सर्वे कर पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वास्तविक तौर पर अवैध खनन से कितनी मात्रा में हुआ है। ईडी को तलाशी के दौरान दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस, प्रॉपर्टी दस्तावेज, 15.37 लाख रुपये नकदी मिली है। इन दस्तावेजों का विश्लेषण करने पर ईडी ने पाया कि समांनातर तौर पर दस्तावेजों के सेट बनाए गए थे। जिसमें एक छोटे अंतराल के लिए वास्तविक खनन का विवरण भी शामिल है। जांच पाया गया है कि अवैध खनन में शामिल लोगों ने अब तक करीब 35 करोड़ रुपये अवैध खनन किया है। इस मामले में ईडी की जांच जारी है। बता दें कि ईडी पिछले पांच दिनों से ऊना जिले में लगातार जांच कर रही है। जांच में मामले से जुड़े लोगों को साथ लेकर पट्टा क्षेत्र समेत अन्य जगहों में जांच पड़ताल की गई है। राजस्व विभाग और खनन विभाग के अधिकारी विभागीय जांच में शामिल रहे हैं।