Times Of Himachal ब्यूरो
हमेशा से हॉट सीट माने जाने वाली फतेहपुर सीट इस बार पहले से ज्यादा हॉट मानी जा रही है। बीजेपी ने अपने वन मंत्री राकेश पठानिया को यहां से टिकट देकर चुनाबी मैदान में उतारा है। लेकिन बीजेपी से निष्कासित पुर्व सांसद एवं पूर्व राजस्व मंत्री डॉ राजन सुशांत वा पुर्व राज्य सभा सांसद एवं बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल परमार भी चुनाब भवंर मे कूद पड़े है जिन्होने भाजपा प्रत्याशी राकेश पठानिया की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यही कारण है कि यहां पर चुनाबी गर्मी बढ़ने से बीजेपी (BJP) को पसीना आना लाजमी हो गया है। इस बार फतेहपुर मे चारकोणी मुकाबला होगा । इस वार फतेहपुर मे कांग्रेस से भवानी पठानियां ,भाजपा से राकेश पठानियां ,भाजपा से बागी हुए पुर्व सांसद डा० राजन सुशांत व भाजपा से असंतुष्ट चल रहे कृपाल परमार इन चार धुरंदर चेहरो के बीच चारकोणी मुकाबला होने जा रहा है । अभी तक इतिहास ग्वाह है की फतेहपुर मे भाजपा ने ही भाजपा का खेल बिगाडा़ है। अगर विधानसभा क्षेत्र फतेहपुर के पिछले चुनाबों पर नजर दौड़ाएं तो बीजेपी बहुल क्षेत्र फतेहपुर में कांग्रेस पिछले 13 वर्ष से विजय भव का आशीर्वाद प्राप्त किए हुए है और लगता है की यह आशीर्वाद लंबा चलने वाला है।
बता दें कि पिछले हर चुनाब में बीजेपी के असंतुष्ट नेताओं ने ही बीजेपी की नैया डुबोने में वा कांग्रेस को जीताने में अहम भूमिका निभाई है और ऐसा ही इस वर्ष भी संकेत मिल रहे है। अब सबसे बड़ा सवाल यह बनता है की पहले से ही फतेहपुर के एक दर्जन टिकट के दावेदारों को दरकिनार कर व आज तक हमेशा से ही बाहरी नेताओं का विरोध होने के बाबजूद भी बाहरी प्रत्याशी को फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का टिकट देना कहा तक उचित रहेगा। हाईकमान द्वारा राकेश पठानिया को फतेहपुर बीजेपी का प्रत्याशी बनाना टिकट के अन्य दावेदारों वा "नेताओं के लिए गले में फंसी उस हड्डी के समान बन चूका है, जिसे ना तो निगला और ना ही उगला जा सकता है। अब हालात ये बन गए हैं की टिकट के दावेदार दुवक कर बैठ गए, लेकिन होने वाले चुनावों में क्या गुल खिलांऎगें यह पिछले चुनाबों में देखने को मिल चूका है।