जी हां हम बात कर रहे हैं संजय गुलेरिया जी की जिन्होंने 2012 में निर्दलीय इलेक्शन में खड़े होकर जनता का 10000+ मतों से अधिक प्यार पाया था और बीजेपी की हार का कारण तथा कांग्रेस की जीत की माला बने थे।
जब 2012 के चुनावों में हर किसी के नाम पर बीजेपी था तो ज्वाली में गुलेरिया साहब का नाम था, किन्ही कारणों से जीत की माला तो नही पहन सके लेकिन जीत के लिए शिखर सा कॉमेपिटिशन बना दिया था। जिसके चलते बीजेपी के चहरे अर्जुन ठाकुर रनिंग MLA को हार का सामना करना पड़ा था और नीरज भारती जो कि कांग्रेस के थे उनके सर विधायकी का ताज सजा था।
लेकिन आज 2022 हिमचाल विधानसभा के इलेक्शन में अर्जुन ठाकुर जी के हाथ से कमल का फूल छीन कर संजय गुलेरिया के हाथ में कमल का फूल थमा विधायकी के ताज के लिए मैदान में उतारा गया है और कुछ समय तक यह फेर बदल अर्जुन ठाकुर व उनके समर्थकों के लिए झटका तो था लेकिन ऐसा दिखने मे आ रहा है कि ज्वाली का इलेक्शन अर्जुन ठाकुर के नेतृत्व में लडा जा रहा है। अब देखने की बात यह है कि अर्जुन ठाकुर कृष्ण की तरह रथ को थाम कर इस अर्जुन (संजय गुलेरिया) को राह बताएंगे या बीजेपी के समक्ष चुनोती बनकर BJP की खटिया खड़ी करने का काम करेंगे। यूँ तो एक समय में कांग्रेस के लिए भगवान विष्णु का रूप बने थे, वही आज उनके सामने युद्ध के लिए हुंकार भर रहे हैं चर्चा खूब है, माहौल भी गरमा रहा है, कहीं हाथ है, तो कहीं हाथ में कमल का फूल।