पिछले दिनों सोशल मीडिया तथा खबरों के माध्यम से हम लोगों ने देखा कि किस प्रकार से हिमाचल के युवाओं को सर पर बोरी लादकर दौड़ाया गया और सिर्फ युवाओं को ही नहीं बल्कि महिलाओं को भी उसी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ा हालांकि सरकार की बहुत आलोचना हुई इसके बाद भी मल्टीटास्क कर्मी लोक निर्माण विभाग में रखे गए। पहले तो युवाओं को सर पर बोरी रखकर दौड़ाया गया और अब युवाओं को तनख्वाह के लिए तरसाया जा रहा है।
मामला लोक निर्माण विभाग मंडल फतेहपुर का है जहां तीन महीने से काम कर रहे मल्टीटास्क वर्कर्स को तनख्वाह नहीं दी गई है। एक तरफ तो इन युवाओं से ऐफिडेविट ले लिए गए हैं कि यह कभी भी अपने अधिकारों के लिए कोई मांग नहीं उठा सकते हैं परंतु दूसरी ओर तीन-तीन महीने इनको सैलरी नहीं दी जा रही है तो यह कहां का न्याय है। कुछ मल्टीटास्क वर्कर से बात हुई तो उन्होंने कहा कि हमारी आर्थिक स्थिति भी उतनी मजबूत नहीं है और इसी के साथ बेरोजगारी सर पर है अब जाएं तो जाएं कहां ? सबसे बड़ा सवाल है कि किराया खर्च कर युवा 15 से 20 किलोमीटर दूर जॉब करने आ रहे हैं लेकिन एक तरफ तो सरकार ने दावा किया कि इनको 4500 रुपये महीना दिया जाएगा लेकिन दूसरी तरफ हम यह देख रहे हैं कि अभी तक 3 महीने की सैलरी भी नहीं दी गई है।
अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग मंडल फतेहपुर से संपर्क साधा गया है लेकिन पहले तो उन्होंने मीडिया के फोन नहीं उठाए लेकिन बार बार सम्पर्क साधने के बाद उठाए और उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर इन्हें सैलरी दी जाएगी। अधिशासी अभियंता अरुण विशिष्ट ने कहा कि अभी तक हमारे पास बजट नहीं है हमने बजट के लिए अप्लाई किया है जैसे ही बजट आ जाएगा हम इनकी सैलरी रिलीज कर देंगे।