हिमाचल प्रदेश में भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके प्रदेश स्टाफ सलेक्शन कमीशन (HPSSC), हमीरपुर को सरकार ने बंद कर दिया है. पेपर लीक कांड के बाद सरकार ने कमीशन की फंक्शनिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने बताया कि इस तरह का कदाचार काफी समय से चल रहा था और ऐसा प्रतीत होता है कि आयोग अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन पारदर्शिता से नहीं कर रहा था।
नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और आयोग के कामकाज में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि इस निर्णय से नौकरी चाहने वाले युवाओं का विश्वास भर्ती एजेंसियों पर बना रहेगा।मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर एडीजी एसवी एंड एसीबी ने एचपीएसएससी द्वारा आयोजित पिछली परीक्षाओं में कथित कदाचार के संबंध में और खुलासे की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है. उन्होंने कहा कि टीम का नेतृत्व डीआईजी एसवीएसीबी जी. शिवकुमार करेंगे और तीन पुलिस अधीक्षक, चार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और तीन पुलिस उप-अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्य में अपना सहयोग प्रदान करेगे. उन्होंने कहा कि वे आरोपों की पूछताछ/जांच करेंगे और हमीरपुर में चल रही जांच में सहयोग के लिए एक अलग तकनीकी टीम का भी गठन किया गया है।
दरअसल, 25 दिसंबर को जूनियर ऑफिस असिस्टेंट –आईटी (JOA-IT Paper Leak) का एग्जाम होना था, लेकिन इससे दो दिन पहले ही पेपर लीक हो गया. पेपर लीक में आयोग की महिला कर्मचारी और उसके बेटे समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ऐसे में आयोग की ओर से बीते समय में हुई सारी भर्तियां रडार में आ गई. क्योंकि महिला का बेटा भी कई एग्जाम में टॉप कर चुका है. फिलहाल, मामले में जांच चल रही है। आरोपी रिमांड पर हैं।