हिमाचल प्रदेश में आपदा के दौरान भी कमाई के अवसर तलाश किए जा रहे हैं। यहां एक पटवारी ने भ्रष्टाचार (Corruption) की तमाम सीमाएं ही लांघ डाली। कुदरत के कहर में बेघर परिवार के मुखिया से ही मुआवजा राशि जारी करने की एवज में 20 हजार रुपए की रिश्वत (Bribe) की मांग कर दी।घटना, शिमला जिला के नारकंडा की है। स्टेट विजिलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो (State Vigilance and Anti Corruption Bureau) ने नारकंडा पटवार सर्कल के पटवारी राकेश शर्मा के खिलाफ 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया है। इस मामले में विजिलेंस का आरोप ये भी है कि पटवारी 20 हजार की रिश्वत लेने की कोशिश कर रहा था।
विजिलेंस की प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक सरकार ने रामलाल को मुआवजे के तौर पर 1.20 लाख की राहत राशि जारी की थी। परिवार को राशि जारी करने की एवज में पटवारी ने 20 लाख रुपए मांगे थे।परिवार को ये राशि सरकार द्वारा बरसात के दौरान मकान क्षतिग्रस्त हो जाने की वजह से जारी की गई थी। स्टेट विजिलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने इंस्पेक्टर चतर सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया था। विजिलेंस के शिमला थाना में मामला दर्ज किया गया है। पुख्ता सबूत मिलने के बाद पटवारी की गिरफ्तारी भी की जा सकती है।
उधर, एक अन्य जानकारी के मुताबिक विजिलेंस ने पटवारी से पूछताछ शुरू कर दी है। उधर, स्टेट विजिलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो के प्रवक्ता (डीएसपी) अमित शर्मा ने पुष्टि करते हुए कहा कि हरेक पहलू से जांच की जा रही है। एक सवाल के जवाब में डीएसपी (DSP) ने माना कि मामले में कुछ नई बातें भी सामने आ सकती हैं।