लोकतंत्र में सरकार को सर्वोपरि माना जाता है तथा सरकार के आदेशों पर व्यूरोकरेट्स को कार्य करना होता है लेकिन जब से सुखखू सरकार सत्ता में आई है तब से व्यूरोकरेट्स सरकारी आदेशों की खुल कर धज्जिया उड़ा रहे हैँ। बता दें कि यहाँ एक तरफ हिमाचल परिवहन निगम के अधिकारी अपने अधीनस्थ स्टॉफ की ट्रांसफर होने के बाद भी उन्हें रिलीव नहीं कर रहे हैं तो दूसरा सहायक पंजीयक सहकारी सभा नूरपुर के कार्यालय से सुप्रीटेंडेंट जिनका तबादला 30 अक्टूबर को हुआ था को सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं कार्यालय नूरपुर अभी तक रिलीव करने में आना कानी कर रहे हैँ तथा छुट्टी पर हैं जबकी सरकार के आदेश हैँ कि ट्रांसफर के पांच दिन के अंदर अंदर कर्मचारी को रिलीव करना अनिवार्य है अन्यथा दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी लेकिन इन सब की परवाह ना करते हुए अधिकारी कभी खुद छुट्टी पर तो कभी कर्मचारीयों को छुट्टी पर भेज कर समय निकाल रहे हैं यहाँ तक विभाग की बात की जाए तो अगर सम्बन्धित अधिकारी छुट्टी पर हों तो वह अपने स्थान पर किसी अन्य सम्बन्धित अधिकारी को शक्तियों का हस्तांतरण करना होता है ताकि उनके पीछे कोई कार्य ना रुके व छुट्टी पर गए अधिकारी के आवश्यक कार्य होते रहें लेकिन कार्यालय से एक कर्मचारी को रिलीव ना कर पाना कर्मचारी तथा अधिकारी की मिली भगत को दर्शाता है।
जब इस बारे असिस्टेंट रजिस्ट्रार नूरपुर से बात हुई तो उन्होंने कहा कि मैं छुट्टी पर हूँ तथा दो दिन बाद आफिस जाऊंगा तब कर्मचारी को रिलिब कर दिया जाएगा लेकिन सवाल यही है कि आखिर 30 अक्टूबर के बाद अब तक असिस्टेंट रजिस्ट्रार छुट्टी पर कैसे रहे।
इस बारे जब रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसाइटी से बात करना चाही तो उनके कार्यालय से सम्पर्क नहीं हो पाया।