ख़बर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की है यहांछात्र- छात्राओं को असुविधा का सामना करना पढ़ रहा है। आलम ये है कि छात्र- छात्राएं अंधेरे में पढ़ने को मजबूर हैं। बावजूद इसके आलाधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। न ही तो बिजली जाने पर अन्य उपकरण हैं और न ही कोई ऐसा सिस्टम जिससे बिजली जाने के बाद भी उपकरण चलते रहें। दरअसल विश्वविद्यालय शिमला को बने लगभग 50 साल से ऊपर का समय हो गया है लेकिन आज भी विश्वविद्यालय शिमला में पूरी सुविधाएं नहीं हैं। क्योंकि विश्वविद्यालय किसी भी समाज का महत्वपूर्ण अंग होते हैं और महत्वपूर्ण जगहों पर किसी प्रकार की कमी की गुज़ाइश नहीं की जा सकती।
यूं तो कहने को विश्वविद्यालय परिपूर्ण होते हैं लेकिन प्रदेश का ऐसा विश्वविद्यालय जिसके पास आज भी इंफ्रास्ट्रक्टर अधूरा है। हालात ये हैं कि विश्वविद्यालय शिमला की जब बिजली कट जाती है तो लाइब्रेरी में पढ़ने वाले छात्रों को समस्या का सामना करना पड़ता है।
आज भी कुछ यूं हुआ जिससे छात्र अपनी कुर्सियों पर बैठे बैठे किताबें छोड़ बिजली आने का इंतजार करते रहे। हालांकि ये पहली बार नहीं है इससे पहले भी छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्वर्टर आदि की कोई सुविधा आज भी प्रशासन पूरी नहीं कर पाया है ताकि लाइब्रेरी में बैठे सैंकड़ो छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो। छात्र अपनी अपनी टॉर्च जलाकर पढ़ते रहे और ये सिलसिला ख़बर लिखे जाने से एक घण्टा पहले और बाद तक चलता रहा।