हिमाचल में वर्ष 2009 में अनुबंध पर नियुक्त स्कूल लेक्चरर अब पहली नियुक्ति से ही रेगुलर माने जाएंगे। इन्हें पहली नियुक्ति से वरिष्ठता और परिणामी लाभ जारी करने के आदेश राज्य सरकार ने कर दिए हैं। हालांकि उच्च शिक्षा निदेशक ने सिर्फ दो याचिकाकर्ताओं मनोरमा देवी और प्रकाश चंद के लिए यह आदेश किए हैं। हालांकि 2009 में हुई इस भर्ती में कुल 1404 पद स्कूल लेक्चरर की भरे गए थे, लेकिन इस फैसले के लागू होने के बाद इनके साथ नियुक्त अन्य स्कूल प्रवक्ताओं के लिए भी रास्ता खुल गया है। नई बात यह है कि इस आर्डर में पहली बार राज्य सरकार ने धर्मशाला के शीतकालीन सत्र में बाद इनके साथ नियुक्त अन्य स्कूल प्रवक्ताओं के लिए भी रास्ता खुल गया है।
2009 में भर्ती किए गए इन स्कूल प्रवक्ताओं ने तर्क दिया था कि उनकी भर्ती के लिए 11 जुलाई 2008 को रिक्विजिशन लेटर गया और सबोर्डिनेट सर्विस सिलेक्शन बोर्ड ने 28 अगस्त 2008 को विज्ञापन निकाला, जबकि राज्य सरकार ने लेक्चरर स्कूल कैडर में कॉन्ट्रेक्ट अपॉइंटमेंट को 25 जून 2009 को भर्ती नियमों का हिस्सा बनाया, इसलिए यह नियुक्ति अनुबंध पर गलत तरीके से हुई है। कोर्ट ने इस तर्क को सही पाया और चार हफ्ते के भीतर पहली नियुक्ति से रेगुलर सेवा के लाभ जारी करने के आदेश दिए। याचिकाकर्ताओं में से मनोरमा देवी हिंदी की और प्रकाश चंद हिस्ट्री के लेक्चरर हैं। हालांकि हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट हाई कोर्ट के आदेशों को नहीं मान रहा था जिस पर हाई कोर्ट ने विभाग को 10 हजार जुर्माना लगाया है।