इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 8 क्रू मेंबर भी शामिल थे। हादसे में 241 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में भर्ती है। इसके अलावा, हॉस्टल में रहने वाले लगभग 30 छात्र भी इस हादसे की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं। यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा सिविल एविएशन हादसा बन चुका है।
अब सबसे बड़ा सवाल है – यह हादसा क्यों हुआ? क्या तकनीकी गड़बड़ी थी? क्या पायलट से कोई चूक हुई? या फिर विमान पहले से ही असुरक्षित था? इन सभी सवालों के जवाब खोजने के लिए ब्लैक बॉक्स की जांच शुरू हो चुकी है।
ब्लैक बॉक्स क्या होता है?
ब्लैक बॉक्स असल में दो डिवाइसेज़ का एक संयोजन होता है – CVR (Cockpit Voice Recorder) और FDR (Flight Data Recorder)। यह दोनों मिलकर विमान की उड़ान से जुड़ी तमाम तकनीकी जानकारियां और पायलटों की आखिरी बातचीत रिकॉर्ड करते हैं। CVR से यह पता चलेगा कि टेकऑफ के दौरान पायलटों ने क्या कहा, क्या अलार्म बजे, क्या निर्णय लिए। वहीं FDR विमान की ऊंचाई, गति, इंजन की स्थिति, फ्लैप्स, लैंडिंग गियर जैसे तकनीकी पहलुओं को दर्ज करता है।
अहमदाबाद हादसे के मामले में ब्लैक बॉक्स घटनास्थल से बरामद कर लिया गया है और उसे डिकोड करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह प्रक्रिया 7 से 30 दिनों तक चल सकती है। DGCA (Directorate General of Civil Aviation), AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau), और बोइंग कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ इस जांच में शामिल हैं।
संभावित कारण क्या हो सकते हैं?
1. शुरुआती वीडियो और डेटा से संकेत मिल रहे हैं कि टेकऑफ के तुरंत बाद इंजन को अपेक्षित थ्रस्ट नहीं मिला।
2. पायलट ने फ्लैप्स को हटाने के बाद संभवतः लैंडिंग गियर को जल्दी रिट्रैक्ट किया या वो खुले ही रह गए, जिससे संतुलन बिगड़ा।
3. एयरक्राफ्ट की रूटीन मेंटेनेंस पर भी सवाल उठ रहे हैं – DGCA ने एयर इंडिया से पिछले 6 महीने की मेंटेनेंस रिपोर्ट मांगी है।
4. कुछ चश्मदीदों का कहना है कि टेकऑफ के दौरान ही विमान से असामान्य आवाज़ें आ रही थीं।
प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों देखी
बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्र बताते हैं कि हादसे के समय वे हॉस्टल में थे। एक जोरदार आवाज़ सुनाई दी, फिर विमान का पिछला हिस्सा उनकी बिल्डिंग से टकराया और वहां आग लग गई। कई छात्र बाहर भागे, लेकिन कुछ अंदर ही फंस गए और आग की चपेट में आ गए। कई घायल छात्रों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया है।
सरकार और एयर इंडिया की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से हादसे पर दुख जताया गया है और पीड़ितों के परिवारों को सहायता राशि देने की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री ने इस हादसे की निष्पक्ष और गहराई से जांच के आदेश दिए हैं। DGCA ने एयर इंडिया के सभी Dreamliner विमानों की तत्काल सुरक्षा जांच शुरू कर दी है। एयर इंडिया ने जांच पूरी होने तक कोई टिप्पणी देने से इनकार कर दिया है।
निष्कर्ष
अहमदाबाद का यह हादसा केवल एक विमान दुर्घटना नहीं, बल्कि भारत की एविएशन सुरक्षा नीति पर बड़ा सवाल है। ब्लैक बॉक्स के खुलासे से तय होगा कि यह हादसा एक तकनीकी त्रुटि थी, पायलट की गलती थी या व्यवस्थागत लापरवाही। फिलहाल, पूरा देश उन 241 लोगों के लिए शोक में डूबा है, जो लंदन की उड़ान भरने निकले थे, लेकिन ज़मीन पर ही उनका अंत हो गया।