12 जून 2025 को दोपहर करीब 1:38 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से टेकऑफ़ के कुछ ही मिनटों बाद एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 एक भीषण हादसे का शिकार हो गई। यह विमान लंदन गैटविक के लिए रवाना हुआ था और इसमें कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे। यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक थे। उड़ान भरने के करीब एक मिनट के भीतर, विमान का संपर्क एयर ट्रैफिक कंट्रोल से टूट गया। विमान उस समय केवल 625 फीट की ऊंचाई पर था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टेकऑफ़ के कुछ क्षण बाद ही विमान ने असामान्य आवाजें कीं और फिर मेघानीनगर क्षेत्र के एक रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान गिरते ही जोरदार धमाका हुआ, जिसके बाद पूरे इलाके में आग की लपटें और काले धुएं का गुबार छा गया। हादसे में एक डॉक्टरों के हॉस्टल सहित आसपास की कई इमारतें भी क्षतिग्रस्त हुईं। स्थानीय लोगों और राहत दलों ने तत्परता दिखाते हुए घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। हादसे में अब तक 133 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।
दुर्घटना से पहले पायलट द्वारा ‘मेडे’ कॉल दी गई थी, जिससे संकेत मिलता है कि तकनीकी समस्या की आशंका पहले ही हो चुकी थी। विमान में ईंधन पूरी तरह भरा हुआ था, जिससे आग तेजी से फैली और राहत कार्यों में भारी चुनौती आई। अहमदाबाद एयरपोर्ट को फिलहाल बंद कर दिया गया है और सभी फ्लाइट्स को रद्द या डायवर्ट कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और गुजरात प्रशासन को राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू मौके पर पहुंचे और उन्होंने एनडीआरएफ व वायुसेना की मदद से बड़े पैमाने पर राहत कार्य शुरू करवाए। एयर इंडिया और टाटा ग्रुप की ओर से पीड़ित परिवारों को सहायता देने के लिए हेल्पलाइन नंबर और सपोर्ट सेंटर शुरू किए गए हैं।
घटना की जांच DGCA और एएआईबी द्वारा की जा रही है। बोइंग कंपनी ने भी मामले की स्वतंत्र तकनीकी जांच के आदेश दिए हैं। यह ड्रीमलाइनर विमान का पहला बड़ा जानलेवा हादसा है, जिससे विमानन जगत में भी चिंता की लहर दौड़ गई है। शेयर बाजार में बोइंग के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
यह हादसा भारत के नागरिक विमानन इतिहास में एक अत्यंत दुखद और गंभीर अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है, जिसकी जांच और नीतिगत समीक्षा आने वाले दिनों में देशभर में विमर्श का विषय बनी रहेगी।