प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को धर्मशाला स्थित जोनल अस्पताल में अतिरिक्त ड्रग कंट्रोलर के कार्यालय पर छापा मारा है। यह छापेमारी बहु-राज्यीय मनी लॉन्ड्रिंग जांच (पीएमएलए के तहत) के तहत की गई, जिसका केंद्र बिंदु पहले से विवादों में रहे अधिकारी निशांत सरीन हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश गलेरी ने पुष्टि की कि ईडी अधिकारियों ने ड्रग कंट्रोलर कार्यालय से दस्तावेज जब्त किए हैं। यह कार्रवाई हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में एक समन्वित ऑपरेशन का हिस्सा थी। सरीन की लाइसेंसिंग और निरीक्षण संबंधी गतिविधियों से जुड़े अहम दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और फाइलें जब्त की गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी 2019 में सरीन की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई जांच की अगली कड़ी है। उन्हें राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बद्दी में उनके पूर्व कार्यकाल के दौरान कथित भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। विवादों के बावजूद उन्हें दोबारा सेवा में बहाल कर धर्मशाला में नियुक्त कर दिया गया था।
ईडी ने अब इस मामले में सरीन के ससुर रमेश कुमार गुप्ता और एक सहयोगी कोमल खन्ना को भी जांच में शामिल कर लिया है। अधिकारियों को संदेह है कि सरीन ने अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग कर कुछ चुनिंदा फार्मा कंपनियों को फायदा पहुंचाया और पारिवारिक नेटवर्क के जरिये अवैध आय को वैध रूप देने की कोशिश की।
ईडी आने वाले दिनों में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दिल्ली मुख्यालय को सौंप सकती है। सूत्रों का यह भी कहना है कि हिमाचल प्रदेश में फार्मा लाइसेंसिंग और निरीक्षण से जुड़ी सांठगांठ को लेकर जांच और गहराई तक जा सकती है, जिससे और छापे या गिरफ्तारियां संभव हैं।