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प्रतीकात्मक तस्वीर |
ड्रग्स की लत आज हिमाचल जैसे शांत प्रदेश को भी भीतर से खोखला कर रही है। ताजा मामला हमीरपुर जिले का है, जहाँ नशे की गिरफ्त में आई एक युवती ने महज एक तोला चिट्टे (हेरोइन) के लिए अपने पिता की कार को चोरी कर जालंधर में बेच दिया। मामला सामने आने के बाद हर कोई स्तब्ध है, क्योंकि यह महिला एक चार साल के बच्चे की मां है और पहले भी चिट्टे के मामले में गिरफ्तार हो चुकी है।
28 जून को दर्ज हुआ था मामला
हमीरपुर के सदर थाना में युवती के पिता ने शिकायत दी थी कि उनकी बेटी नशे की आदी है और वह उनकी कार लेकर बिना बताए घर से भाग गई है। शुरुआती पूछताछ में युवती ने कार की जानकारी होने से इनकार किया लेकिन जब उसे हिरासत में लिया गया और गहन पूछताछ की गई तो उसने खुलासा किया कि उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर कार को जालंधर में मात्र 90,000 रुपये में बेच दिया, ताकि उससे चिट्टा खरीदा जा सके।
ड्रग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए दोनों आरोपी
युवती और उसका युवक दोस्त — जो हमीरपुर शहर का निवासी है — दोनों ही ड्रग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। युवक पहले से ही न्यायिक हिरासत में है। पुलिस ने जिस व्यक्ति को कार बेची गई थी, उसे मैक्लोडगंज से कार सहित बरामद कर लिया है। हालांकि पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया है।
पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी
जानकारी के अनुसार आरोपी युवती की शादी शिमला में हुई थी, लेकिन बेटे के जन्म के बाद वह मायके में ही रह रही थी। नादौन थाना पुलिस ने कुछ समय पहले भी उसे चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया था और वह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। अब वह कार बेचने के मामले में दोबारा संलिप्त पाई गई है और एक बार फिर घर से फरार हो चुकी है।
बेटी की लत से बेबस पिता, नाती को पालने की जिम्मेदारी
युवती का पिता अब अपने नाती की परवरिश कर रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि अब वह बेटी को वापस घर नहीं लाना चाहते क्योंकि उसकी नशे की आदत ने उन्हें सामाजिक और मानसिक रूप से तोड़ दिया है। बेटी के जेल से छूटने पर भी उन्होंने उसे घर में रखने से इनकार कर दिया था, लेकिन वह कुछ दिन रही और अब दोबारा लापता हो गई है।
सवाल उठता है: कौन ज़िम्मेदार?
यह घटना केवल एक पारिवारिक विफलता नहीं है, बल्कि समाज और तंत्र के लिए भी एक आईना है। नशे की यह जड़ें गांव-शहरों तक फैल चुकी हैं और अब महिलाएं भी इसकी गिरफ्त में आती जा रही हैं। एक माँ अपने बच्चे की ज़िम्मेदारी छोड़ नशे के लिए घर तक को लूट ले — यह दृश्य किसी त्रासदी से कम नहीं।