समर फेस्टिवल की अंतिम संध्या पर बुधवार को पंजाबी और बॉलीवुड सिंगर गुरु रंधावा और पहाड़ी लोक गायक विक्की चौहान ने खूब समां बांधा। रिज मैदान पर रात 12 बजे तक लोग और घूमने आए सैलानी इनके गीतों पर झूमते नजर आए। शिमला के रिज मैदान पर समर फेस्टिवल के दौरान पंडाल में बैठे कुछ श्रोताओं ने सिद्धू मूसेवाला अमर रहे के नारे भी लगाए। गुरु रंधावा ने ओ तेरे नाम का दीवाना गाना गाकर सिद्धू मूसेवाला को श्रद्धांजलि भी दी।
अंतिम संध्या पर सबसे पहले विक्की की नॉनस्टाप नाटियों ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। रात करीब 8:00 बजे पहले लोक गायक कुमार साहिल फिर 9:30 बजे से विक्की चौहान ने मंच संभालते ही नॉनस्टाप नाटियों का दौर शुरू कर दिया। विक्की ने चमचमांदे हो..., गांव दे जबो छोरू..., शुण शुण माइए जरा...,देख जबे यार, कठे होणे चार..., कानो रे झुमके छम छम करदे..., भाईजी बात है ऐसी...डाली झूमो..., कालियो रो हांडो...,समेत 25 से अधिक नाटियां गाकर लोगों का मनोरंजन किया।
इसके बाद रात 10:33 बजे नामी बॉलीवुड एवं पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा ने धमाल मचाया। रंधावा ने हाई रेटेड गबरू.., से शुरुआत की। बोले शिमला में पहली बार आए हैं। शिमला खूबसूरत है। इसके बाद डांस मेरी रानी..., इशारे तेरे..., लड़की लाहौर दी...,पटोला..., मोरनी बनके..., सूट सूट करदा..., स्लोली स्लोली..., जैसे गीतों पर लोगों का मनोरंजन किया। देर रात 12 बजे तक जश्न चला। एंकर शशि चौहान ने भी लोगों का जमकर मनोरंजन किया।
समर फेस्टिवल की अंतिम संध्या पर रिज मैदान पर लोगों का सैलाब उमड़ आया। शाम 7:00 बजे के बाद रिज मैदान पर पैर रखने तक की जगह नहीं थी। रिज पार्क, पद्मदेव परिसर, टक्का बेंच तक फुल हो गए। जगह मिलने पर हजारों लोग वापस भी लौट गए। कई बार हुड़दंग भी हुआ। एक लड़की बेहोश हो गई, उसे अस्पताल ले जाने के लिए बुलाई एंबुलेंस भी काफी देर तक भीड़ में फंसी रही। इसके चलते कार्यक्रम भी कुछ देर के लिए रोकना पड़ा।