हिमाचल के पालमपुर से संबंध रखने वाले कारोबारी को धमकाने के मामले में हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू ने प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है। डीजीपी संजय कुंडू ने की ओर से दायर की गई याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी। की सुप्रीम कोर्ट से क्या फैसला आता है। उल्लेखनीय है कि हिमाचल हाईकोर्ट ने सुक्खू सरकार से पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को हटाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कारोबारी की जान को खतरे संबंधी शिकायत की जांच को ये अधिकारी प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए इन्हें तुरंत प्रभाव से हटाया जाए। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि वह इस मामले में असाधारण परिस्थितियों के कारण हस्तक्षेप कर रही है।
कारोबारी को धमकाने के मामले में एक दैनिक समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल हाईकोर्ट में बीते मंगलवार 26 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान बड़े खुलासे हुए। पूरे मामले में एसपी शिमला ने कोर्ट में स्ट्रेस रिपोर्ट दाखिल की थी. मामले में एसपी शिमला की स्टेट्स रिपोर्ट बताती है कि चार अक्तूबर को डीजीपी की तरफ से शिमला में कारोबारी के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था।
स्टेट्स रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉल डाटा रिपोर्ट से पता चलता है कि डीजीपी और कारोबारी में टेलिफोन के जरिये बातचीत हुई थी। यह बात 27 नवंबर को हुई थी। जिस दौरान कारोबारी निशांत शर्मा पर धर्मशाला के मैक्लोडगंज में हमला हुआ, उस घटना से कुछ समय पहले डीजीपी दफ्तर के लैंडलाइन से उन्हें 15 कॉल्स किए गए थे।