राजधानी शिमला का ऐतिहासिक रीज मैदान एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार किसी पर्यटक भीड़ या सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए नहीं, बल्कि अव्यवस्था और गंदगी के लिए। रविवार को यहां एक बॉक्सिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। लेकिन सोमवार सुबह जो नज़ारा देखने को मिला, उसने प्रशासन और आयोजकों की तैयारियों पर कई सवाल खड़े कर दिए। पूरा रीज मैदान प्लास्टिक बोतलों, खाने-पीने के पैकेट्स और कचरे से अटा पड़ा था।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मौजूद थे। ऐसे में यह सवाल उठता है कि जब प्रदेश का मुखिया मंच पर हो और फिर भी आयोजकों द्वारा सफाई की कोई जिम्मेदारी नहीं निभाई गई, तो आम आयोजनों में क्या उम्मीद की जा सकती है?
इस मुद्दे को लेकर शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र सिंह पंवार ने भी सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, “Please spare the #Ridge #Shimla,” और साथ ही तीन अहम सवाल उठाए: आयोजकों से कूड़ा क्यों नहीं उठवाया गया? जब समर फेस्टिवल को रीज टैंक की सुरक्षा के लिए शिफ्ट किया गया, तो इस इवेंट को वहां कैसे इजाज़त दी गई? और क्या अब भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपनी गहरी नींद से बाहर निकलेगा?
रीज टैंक शिमला की संरचनात्मक विरासत है। पहले भी कई आयोजनों को इसके कारण दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया था, लेकिन इस बार नियमों की अनदेखी साफ तौर पर दिखी। भारी भीड़, साउंड सिस्टम और आयोजन की पूरी व्यवस्था ने उस संरचना पर दबाव डाला, जिसे संरक्षित घोषित किया गया है।
सरकार द्वारा बार-बार स्वच्छता और प्लास्टिक बैन जैसे अभियान चलाए जाते हैं। गाड़ियों में डस्टबिन रखने और घर-घर कूड़ेदान लगाने की बात होती है। लेकिन जब राजधानी के मुख्य सार्वजनिक स्थल पर खुद सरकार की मौजूदगी में यह हाल हो, तो नीतियों पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
अब जनता यह जानना चाहती है कि क्या आयोजकों पर कोई कार्रवाई होगी? क्या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे? और क्या भविष्य में ऐसे आयोजनों से पहले पर्यावरण और संरचना सुरक्षा की पुख्ता योजना बनेगी? रिज मैदान शिमला की पहचान है, और इसकी गरिमा को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।