हिमाचल के मंडी जिले में पंचायत भ्रष्टाचार ने लोगों को हैरान कर दिया। करसोग की ठाकुरठाणा पंचायत की प्रधान माला मेहता को जिला पंचायत अधिकारी ने निलंबित कर दिया। उन पर सड़क निर्माण में स्कूटी को जेसीबी बताकर फर्जी बिल बनाने का आरोप है। जांच में सरकारी धन के दुरुपयोग और लापरवाही के सबूत मिले। यह मामला स्थानीय लोगों में विश्वास की कमी को उजागर करता है।
जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोंगरा ने माला मेहता को निलंबित करने का आदेश जारी किया। दो प्रारंभिक जांच में वह दोषी पाई गईं। सड़क निर्माण में सुंदरनगर की स्कूटी (HP31) को जेसीबी बताकर 700 घंटे का भुगतान किया गया। कारण बताओ नोटिस का जवाब असंतोषजनक रहा। पंचायती राज अधिनियम की धारा 145 के तहत कार्रवाई हुई। यह घटना ग्रामीण विकास में पारदर्शिता की जरूरत को रेखांकित करती है।
आरटीआई से सड़क निर्माण में धांधली का पता चला। 10-15 साल पुरानी सड़कों को दोबारा बनाया हुआ दिखाया गया। माला मेहता ने पंचायत सचिव के बिना संयुक्त हस्ताक्षर के धन निकासी की। शमशान घाट और सामुदायिक भवन निर्माण में भी अनियमितताएं पाई गईं। जांच में अभिलेखों और संपत्ति के रखरखाव में लापरवाही सामने आई। यह मामला पंचायतों में जवाबदेही की कमी को उजागर करता है।
माला मेहता ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 99(4) और धारा 10 का उल्लंघन किया। बिना संयुक्त हस्ताक्षर के धन निकासी और पंचायत संपत्ति के रखरखाव में लापरवाही के सबूत मिले। जिला पंचायत अधिकारी ने पंचायती राज नियम, 1997 के तहत उन्हें निलंबित किया। यह कार्रवाई ग्रामीण प्रशासन में पंचायत भ्रष्टाचार को रोकने की दिशा में एक कदम है। लोग अब और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।