हिमाचल प्रदेश, जो लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है, वहां विधायकों, मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष की सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी को मंजूरी मिल गई है। शुक्रवार, 28 मार्च 2025 को विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन तीन अहम विधेयक सर्वसम्मति से पास हुए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद “हिमाचल प्रदेश लेजिस्लेटिव असेंबली (अलाउंसेज एंड पेंशन ऑफ मेंबर्स) अमेंडमेंट बिल 2025” पेश किया, जिसे सदन ने बिना किसी विरोध के हरी झंडी दे दी। लेकिन इस फैसले ने आम लोगों के बीच चर्चा छेड़ दी है। नए संशोधन के तहत विधायकों का मासिक वेतन और भत्ते 2.10 लाख रुपये से बढ़कर करीब 3.15 लाख रुपये हो गए हैं। उनकी बेसिक सैलरी में भी इजाफा हुआ है, जो अब 55,000 रुपये से बढ़कर 70,000 रुपये हो गई है। इसके अलावा, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 90,000 रुपये से बढ़ाकर 1.20 लाख रुपये और दैनिक भत्ता 1,800 रुपये से 2,000 रुपये कर दिया गया है। यह बदलाव विधायकों को अपने क्षेत्र में बढ़ते खर्चों के लिए राहत देने का दावा करता है।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का मासिक वेतन और भत्ते अब 2.65 लाख रुपये से बढ़कर लगभग 3.40 लाख रुपये हो गए हैं। वहीं, कैबिनेट मंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष की सैलरी भी पहले 2.55 लाख रुपये थी, जो अब बढ़कर 3.30 लाख रुपये प्रतिमाह हो गई है। विधानसभा उपाध्यक्ष का वेतन भी 2.40 लाख से बढ़कर 3.10 लाख रुपये कर दिया गया है। इस बढ़ोतरी से राज्य के खजाने पर सालाना 20 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।